میرا اس شہر عداوت میں بسیرا ہے جہاں لوگ سجدوں میں بھی لوگوں کا برا سوچتے ہیں
मैं इस दुश्मनी के शहर में रहता हूँ जहाँ लोग सजदे में भी लोगों के बारे में बुरा सोचते हैं
میرا اس شہر عداوت میں بسیرا ہے جہاں لوگ سجدوں میں بھی لوگوں کا برا سوچتے ہیں
मैं इस दुश्मनी के शहर में रहता हूँ जहाँ लोग सजदे में भी लोगों के बारे में बुरा सोचते हैं
0 Comments